What is the National Security Act, (NSA) 1980
What is the National Security Act, (NSA) 1980
NSA राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 क्या है? इसकी मुख्य धाराये तथा NSA विवादित क्यों है.
चर्चा में क्यों- हाल ही में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कई लोगों पर NSA के तहत मामला दर्ज किया किया है। दरअसल उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में कोरोना वायरस के सक्रमितों के इलाज के दौरान डॉक्टरों, नर्सो अभद्र व्यवहार तथा पथरबाजी कि घटनायें सामने आ रही है। इसके बाद पुलिस कार्यवाही के दौरान कई लोगों को गिरफ्तार किया गया तथा एनएसए कानून यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही कि गई ऐसी ही घटना मध्यप्रदेश के मदंसौर जिलें में देखने को मिली; सक्रमितों का इलाज करने गई डॉक्टरों पर अचानक पथराव कर दिया जिससे कई डॉक्टर घायल हो गये। यहॉ से गिफतार लोगों के खिलाफ भी एनएसए कानून के तहत कार्यवाही कि गई।
क्या है NSA?
NSA राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के नाम से जाना जाता है यह एक निवारक निरोधक कानून है। अगर केन्द्र व राज्य सरकार को यह लगे की कोई व्यक्ति राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है अथवा शासन व्यवस्था को बिगाड़ सकता, अराजकता फैला सकता तो यह ऐसे व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है।
NSA कानून की महत्वपूर्ण धाराये- इस कानून में कूल 17 धाराये है।
अधिनियम की धारा 3 में कहा गया है कोई व्यक्ति राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करता है लोक व्यवस्था बनाने में बाधा उत्पन्न करता है साथ ही समाज के लिए आवश्यक सेवा पूर्ति की व्यवस्था बनाये रखने के लिए हानि पहुचाता हो तो ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है।
इसमें यह भी उपबंध किया गया है की कोई वैदेशिक व्यक्ति जां भी भारत की प्रतिरक्षा को प्रभावित अथवा नुकसान पहुचाना चाहता है तथा वह देश छोड़कर भागने का प्रयत्न करता है ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है। इसी में गिरफ्तारी के सबंध में कहा गया है की किसी व्यक्ति को पहले 3 महिने के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है फिर कितने भी समय के लिए संशोधित कर सकता है।
अगर किसी अधिकारी ने गिरफ्तारी कि है तो उसे राज्य सरकार को बताना होगा की किस उसने किस आधार पर गिरफ्तारी की है तथा राज्य सरकार द्वारा जब-तक अनुमोदन नही कर दे तब तक गिरफ्तारी 12 दिन से अधिक समय तक नही हो सकती है।
अगर राज्य सरकार गिरफ्तारी की स्वीकृति दे देती है तो 7 दिन के भीतर केन्द्र सरकार को बताना पड़ता है।
धारा 8 में आदेश द्वारा प्रभावित होने वाले व्यक्ति को निरोध आदेश के आधारों का प्रकट किया जाना है।
धारा 9 में कहा गया है केद्रं सरकार एवं राज्य सरकार एक सलाहाकार बोर्ड का गठन कर सकती है। जिसमें तीन व्यक्ति शामिल हो सकते है जिनकी नियुक्ति केन्द्र सरकार करेगी ये व्यक्ति उच्च न्यायालय के मुख्य न्याधीश रह चुके हो योग्य हो।
धारा 12 में इस बात जिक्र है कि गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी के दिन से अधिकतम 12 माह एक साल की सजा का प्रावधान है।
धारा 16 में कहा गया है केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के खिलाफ कोई भी प्रकार की कानून कार्यवाही नही की जाती है।
NSA अधिनियम को लेकर विवाद
इस अधिनियम को लेकर समय-समय पर विवाद भी तो रहा है। इस अधिनियम को लेकर सबसे पहला विवाद तो इसी बात को लेकर है जब किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे यह अधिकार प्राप्त नही होता है कि उसे किन कारणों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है जबकि CrPc कि धारा 50 के अनुसार गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी का कारण जानने का अधिकार है।
NSA कानून के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को न तो वकील करने का अधिकार और न ही कोई परामर्श करने कोई अधिकार प्राप्त नही है जो संविधान के अनुच्छेद 22 (1) का उलघंन करती है।
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