Posts

Showing posts from December, 2024

भूगोल में पुनर्जागरण काल और पुनर्जागरण काल के भूगोलवेत्ता Renaissance in Geography and Geographers of the Renaissance

 भूगोल में पुनर्जागरण काल और पुनर्जागरण काल के भूगोलवेत्ता Renaissance  in Geography and Geographers of the Renaissance  इस लेख में हम भूगोल में पुनर्जागरण काल के प्रमुख खोजी यात्रीयों तथा उनके यात्रा वृत्तान्त के बारे में चर्चा करेगे तथा इसी पुनर्जागरण काल के प्रमुख भौगोलिक विद्वानों के बारे में जानेगे।    पुनर्जागरण  काल के प्रमुख खोजी यात्रीयों का विवरण निम्न है। भूगोल में 1250 से 1700 ईस्वी तक काल को पुनर्जागरण काल कहा जाता है। मार्को पोलों Marcopolo, 1254-1324 A.D. ) मार्कोपोलों का जन्म ईटली के वेनिस शहर में 1254 ईस्वी में हुआ था। अपने पिता निकोलस कि तरह ही यह भी एक यात्री था जिसने विश्व के विभिन्न भागों कि यात्रा कि जिसका वर्णन अपनी पुस्तक मार्कोपोलों की यात्राएं (Travels of Marcoplo) में किया था। अपनी यात्रा का आरम्भ 17 वर्ष कि आयु में वेनिस से कि इसके बाद सोवियंत संघ मध्य एशिया मंगोलिया पूर्वी एशिया एवं पश्चिमी एशिया चीन प्रशातं महासागर मलेशिया श्रीलंका जापान तक कि लंबी यात्रा की।  मार्कोपोलों के काल को खोज एवं अन्वेषण का काल भी कहा ज...

Arab Geographers अरब भूगोलवेत्ता

Arab Geographers अरब भूगोलवेत्ता इस लेख में प्रमुख अरब भूगोलवेत्तों के बारे में चर्चा करेगें। प्रमुख अरब भूगोलवेत्ता इब्न हाकल 943-973 A.D.) पुस्तक A Book of Routs and Reams  पृथ्वी की आकृति (Shape of the Earth) संसार के देश (Countries of the World) ने यूरोप महाद्वीप को एक द्वीप माना  केस्पियन सागर व उत्तरी सागर का वर्णन किया इब्न सीना इब्ने-सीना  का जन्म 980 ईस्वी में बुखारा उज्बेकिस्तान में हुआ। ये एक भौगोलिक, दार्शनिक व चिकित्सक थे। इनको अरब भूगोल का पिता कहा जाता है  एक विश्वकोष बनाया जिसमें भौतिक भूगोल पर्वत मृदा निर्माण एक वर्णन किया। अलमसूदी (890 956 A.D.) अलमसूदी का जन्म 896 इस्वी में  बसरा इराक में हुआ। इनको  अरब का हेरोडोट्स  कहा जाता है। मसूदी ने कैस्पियन सागर को बंद सागर बतायाA सर्वप्रथम नदियों को अपरदन का सबसे महत्वपूर्ण कारण माना। मसूदी ने भारतीय मानसून के बारे में बताया।  अल मसूदी ने पृथ्वी को गोलाभ तथा केन्द्र में माना। मसूदी नियतिवादी विचारक था। पुस्तक समय विवरणिका (Annals of Times) सोने के चारागाहे जवाहरातों की खाने (Meadows...

Roman Geographers रोमन भूगोलवेत्ता

Roman Geographers रोमन भूगोलवेत्ता युनानी साम्राज्य के पतन के साथ ही युनान के पश्चिम में स्थित रोमन नगर रोमन सभ्यता का उदय में हुआ है। यह एक प्रायद्वीपीय नगर है जो ईटली की प्रसिद्ध नदी टाईबर नदी पर स्थित है। यह प्रमुख धार्मिक नगर है तथा विस्तृत साम्राज्य के कारण इनका सम्पर्क एशिया अफ्रीका यूनान तक हो पाया। रोमन भूगोलवेत्ताओं का प्रमुख योगदान ऐतिहासिक प्रादेशिक व भौतिक भूगोल में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। रोमन काल में सिकन्दरिया प्रमुख शिक्षा केन्द्र होने के कारण विभन्न क्षेत्रों से चलकर यही आते थे। यहाँ अध्ययन करने आने का एक प्रमुख कारण यह भी था कि यहाँ पर पहले के विद्वानों कि खोजे भौगोलिक ज्ञान, अन्वेक्षण, यात्री वृतान्त, आदि सिकन्दरिया में सगृहित थे जिस कारण यहाँ पर अध्ययन सामग्री विधियॉ आसानी से उपलब्ध हो जाती थी। यह कहा जा सकता है सिकन्दरिया शिक्षा के क्षेत्र में काफी समृद्ध क्षेत्र था। अधिकतर रोमनवासी अध्ययन करने के लिए यही आते थे। रोमनवासीयों की अध्ययन पद्धति वैज्ञानिक व दार्शनिकता पर आधारित थी परंतु इनकी अध्ययन पद्धति यूनानियों से अधिक प्रभावित थी।  रोमन भूगोलवेत्ता...

भौगोलिक विचारधाराओें के प्रमुख विचारक प्राचीन से आधुनिकता कि और। Major thinkers of geographical thought from ancient to modernity.

भौगोलिक विचारधाराओें के प्रमुख विचारक प्राचीन से आधुनिकता कि और। (Major thinkers of geographical thought from ancient to modernity.)   इस लेख में हम प्राचीन भौगोलिक विचारको से आधुनिक भौगोलिक विचारको का क्रमबद्ध रुप से अध्ययन करेगे। जिसमें हम उन भौगोलिक विचारको का उल्लेख करेगे जिन्होने  भूगोल के क्षेत्र में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया जिनके कारण ही भूगोल अपने पूर्ण अस्तिव में आया। साथ ही आगे आने वाले लेखों में भूगोल कि विचारधारओं तथा उनका विकास कैसे हुआ आदि अनेक विषयों पर भी चर्चा करेगें। इस लेख में युनानी (Greek)  भूगोलवेत्ताओें के बारे में परीक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा करेगे।                                           देश विचाराधारा            जर्मनी  फ्रांस  अमेरिका USSR   लैण्ड शाफ्ट मानव पारिस्थितिकी अवस्थितिकी मानव व भौतिक तथ्यों पर आधारित विचा...

Rajasthan Public Service Commission has released the notification for the second grade recruitment process December 2024 राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वितीय श्रेणी भर्ती प्रक्रिया के लिए अधिसूचना दिसंबर 2024

 Rajasthan Public Service Commission has released the notification for the 2nd grade recruitment  process.  राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वितीय श्रेणी भर्ती प्रक्रिया के लिए अधिसूचना दिसंबर 2024 जारी कर दी है। इसमें कुल 8 विषयों के 2129 पदों पर भर्ती हेतु आवेदन मागें गये है। आवेदन तिथि   26.12.2024 से 24.01.2025  तक आवेदन कर सकते है। Total Post 2129 No. SUBJECT POSTS FOR NON SCHEDULED                      AREA POSTS FOR SCHEDULED              AREA                 TOTAL  POST 1 Hindi 273  15 288 2 English 242 85 327 3 Mathematic  ...