भौगोलिक विचारधाराओें के प्रमुख विचारक प्राचीन से आधुनिकता कि और। Major thinkers of geographical thought from ancient to modernity.
भौगोलिक विचारधाराओें के प्रमुख विचारक प्राचीन से आधुनिकता कि और। (Major thinkers of geographical thought from ancient to modernity.)
इस लेख में हम प्राचीन भौगोलिक विचारको से आधुनिक भौगोलिक विचारको का क्रमबद्ध रुप से अध्ययन करेगे। जिसमें हम उन भौगोलिक विचारको का उल्लेख करेगे जिन्होने भूगोल के क्षेत्र में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया जिनके कारण ही भूगोल अपने पूर्ण अस्तिव में आया। साथ ही आगे आने वाले लेखों में भूगोल कि विचारधारओं तथा उनका विकास कैसे हुआ आदि अनेक विषयों पर भी चर्चा करेगें।
इस लेख में युनानी (Greek) भूगोलवेत्ताओें के बारे में परीक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा करेगे।
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जर्मनी फ्रांस अमेरिका USSR |
लैण्डशाफ्ट मानव पारिस्थितिकी अवस्थितिकी मानव व भौतिक तथ्यों पर आधारित विचाराधारा |
प्रमुख भूगोलवेत्ता
1. होमर Homer 2. थेल्स Thales of Miltus 3. अनेक्जीमैण्ड Anaximander 4. हिकेटियस Hecataeus 5. हेरोडोट्स Herodouts 6. प्लुटो 7. अरस्तु Aristotle 8. इरोटॉस्थनीज Eratosthenese 9. हिप्पारकस Hipparchus 10 पोसिडोनियस Posdonius
रोमन भूगोलवेत्ता
1 स्ट्रेबो (Strabo) 2 प्लिनी (Pliny) 3 टॉलमी (Ptolemy) 4 पम्पोनियस मेला (Pomponius Mela)
अरबी भूगोलवेत्ता
1 इब्न होक्ल (Ibn Hawqal) 2 इब्न सीना (Ibn Sina) 3 अल-मसूदी (Al-Masudi) 4 अल-बरुनी (Al-Biruni) 5 अल-इडरिसी (Al Idrisi) 6 इब्न बतूता (Ibn Battuta) 7 इब्न खाल्दुन (Ibn Khaldum)
पूनः जागरण काल-
1 क्लूवेरियस जर्मनी 2 वारेनियस जर्मनी 3 काण्ट जर्मनी
जर्मनी
1 बुआचे 2 फास्टर बन्धु 3 काण्ट 4 हम्बोल्ट 5 हेटनर 6 पैक
फ्रांस
1 ब्लॉश 2 ब्रुन्श 3 डिमांजीया 4 रैकलस 5 लिप्ले 6 मॉर्तेनी
ब्रिटिश
1 मैकेण्डर 2 हरबर्टसन 3 डेड्ले स्टाम्प 4 शार्ले व हेगेट 5 रॉक्सबी 6 वुलरिज
अमेरिका
1 मार्श 2 गायोट 3 डेविस 4 जेफरसन 5 हेलन चर्चिल सेम्पुल 6 हटिंग्स 7 बोमेन 8 गिफ्रीथ टेलर 9 कार्ल सावर
रुसी
1 लोमोनोसोव 2 डोकुचामेव 3 गरोसिमोव
इस लेख में युनानी भूगोलवेत्ताओें के बारे परीक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा करेगे।
यूनानी भूगोलवेत्ताओ का वर्णन
1.होमर (Homer 776 A.D.
प्रमुख रचना- इलियस (Illiad) व ओडेसी (Odyssey)होमर के अनुसार सूर्य समुद्र से उगता है और उसी में अस्त हो जाता है।
होमर के अनुसार पृथ्वी के उपर चार लौहे के स्तम्भ है जिन पर आकाश टीका हुआ है इन स्तम्भों को एटलस नामक व्यक्ति ने पकङ रखा है।
होमर का मानना है है कि पृथ्वी का आकार गोल है वह चारो और से सागर-सरिता से घिरी हुई है।
होमर ने स्ट्रेबो को भूगोल का जनक कहा है।
होमर के अनुसार चार हवाएँ-
बोरियस
जिफायरस यूरस
नोट्स
बोरियस (Boreas) ये हवाये ठण्डी हवाएं है इनके कारण मौसम सुहाना व वर्षा कम होती है।
नोट्स (Notus) दक्षिण दिशा में प्रवाहीत होने वाली तुफानी हवाएं
जिफायरस (Zephyrus) पष्चिमी भाग में प्रवाहीन होने वाली तुफानी हवाएं
युरुस (Eurus) ये पूर्वी भाग में गर्म व शान्त हवाएं
2.थेल्स (Thales624-548 B.C
थेल्स का सम्बन्ध मिलेट्स शहर से है।
थेल्स का ऑयनिक स्कुल ऑफ फिलोसॉफी से थाथेल्स ने सर्वप्रथम नील नदी के डेल्टा का अध्ययन किया
थेल्स के अनुसार नील नदी दो नदीयों से मिलकर बनी है। बाहेलगजल (White Nile), बाहेल अजरक (Blue Nile)
थेल्स के अनुसार पृथ्वी एक चपटी गोलाकार तश्तरीनुमा है जो पानी पर तैरती है।
थेल्स ने जलवायु को 5 खण्डों में विभाजित किया है।
3.एनेक्जीमेन्डर
मिलेट्स शहर से सम्बन्ध
एनेक्जीमेन्डर ने सर्वप्रथम विष्व का मानचत्रि बनाया।
सर्वप्रथम मापनी पर आधारित विश्व मानचित्र बनाया
विष्व प्रसिद्ध नोमोन (Gnomon) समय मापनी घङी यंत्र का आविष्कार किया।
थेल्स के साथ-साथ एनेक्सीमेण्डर को भी गणितीय भूगोल का संस्थापक माना जाता है।
4.हैकेटियस (Hecataeus,550-547B.C.)
मिलेट्स शहर से संबध था
प्रादेशिक भूगोल का पिता कहा जाता है।
प्रसिद्ध ग्रथं- वंषावलियों का वर्ण (Genealogies)
जेसपेरियोड्स- पेरयोड्स का अर्थ पृथ्वी का वर्णन है का दुसरा नाम डिस्क्रिप्सन ऑफ अर्थ (Description of the Earth)
जेसपेरियोड्स दो भागों में विभक्त है। जेसपेरियोड्स का पहला खंड यूरोप का अध्ययन दुसरा खंड एशिया व अफ्रिका का अध्ययन।हैकेटियस ने कैस्पियन सागर का नाम बदलकर हिरसेनियन कर दिया इसी तरह रुस को स्कीशिया तथा पश्चिमी यूरोप को कैल्ट दिया।
5.हेरोडोटस (Herodotus 484-425 B.C)
हेरोडोटस को इतिहास का जनक कहा जाता है।
हेरोडोटस ने सर्वप्रथम डेल्टा शब्द दिया इन्होने नील नदी के बाढ मैदान मे जमा काली मिट्टी एवं नदी के निक्षेपण से निर्मित डेल्टा का सकारण वर्णन किया। उन्होने इस बात पर जोर दिया कि समस्त इतिहास का भौगोलिक दृष्टि से अध्ययन किया जाना चाहिए एवं समस्त भूगोल के इतिहास की तरह ही व्यवहार में लाया जाना चाहिए।वह प्रथम विद्वान था जिसने विश्व मानचित्र पर याम्योतर (Meridian) खीचने का प्रयास किया।वह प्रथम भूगोलवेता था, जिसने कैस्पियन सागर को आंतरिक सागर माना, जबकि हिकेटियस तथा उसके समकालीन भूगोलवेता इसे उतरी सागर की एक भुजा मानते थे।इन्होने तापमान एवं पवन के चलने में सह-संबंध स्थापित किया।विश्व भू-खंड को तीन महाद्वीपों-यूरोप, एशिया एवं लीबिया (अफ्रीका) में विभाजित करने वाला प्रथम विद्वान था। इन्होने ही वातारणवाद की विचारधारा का प्रारंभ किया।हेरोडोटस के अनुसार मिस्त्र नील नदी की देन है।हेरोडोटस ने हिन्द महासागर को इरेथ्रियन कहा।प्रसिद्ध पुस्तक हिस्टेरोग्राफी
6.प्लेटो पुस्तक टिमायस
7.अरस्तु (Aristotle384-322 B.C.)
अरस्तु ने विशेष रुप से भूगोल विषय पर कोई पुस्तक नही लिखी। अपनी यात्राओं के द्वारा ज्ञात विश्व का विवरण तथा भूगोल से संबंधित जो कुछ भी विवरण उपलब्ध है वह उनकी दो ग्रन्थों ब्रह्माण्ड का वर्णन (Treatise on the Heavens) एवं जलवायु विज्ञान (Climatology) में मिलते है
8.इरेटोस्थनीज (Eratosthenese 273-192 B.C.)
इरेटोस्थनीज ने सर्वप्रथम भूगोल शब्द का प्रयोग किया।प्रसिद्ध ग्रंथ- ज्योग्रफिका (Geographia)इरेटोस्थनीज ने सर्वप्रथम अक्षांश व देशांतर को ग्लोब पर दर्शाया मानचित्र पर दर्शाया। नील नदी के पश्चिम में निवास करने वाले नूबियन्स का उल्लेख करने वाला प्रथम विद्वान इरेटोस्थनीज था।इरेटोस्थनीज को भूगोल का पिता कहा जाता है।
मार्टिन ने इरेटोस्थनीज को भूगोल का जनक कहा है।इरेटोस्थनीज ने सर्वप्रथम पृथ्वी के आकार व परिधि को दर्शाया पृथ्वी की गोलाभीय बताई।इरेटोस्थनीज ने सर्वप्रथम विश्व के मानचित्र पर 7 अक्षांश तथा 7 देशांतर रेखाओं को दर्शाया। गणितीय भूगोल का विकास थेल्स एनेक्सीमेण्डर विद्वानों द्वारा किया गया पर परंतु इसे एक व्यवस्थित रुप प्रदान करने का कार्य इरेटोस्थनीज द्वारा ही किया गया। उनके द्वारा प्रक्षेपण विधि गणना करना तथा उनका निर्धारण करना उनकी बहुत बड़ी देन है।इरेटोस्थनीज ने पृथ्वी कि परिधि को मापने के लिए अनेक प्रेक्षण सर्वेक्षण किये तथा उपलब्ध आकड़ों के आधार पर बताया कि पृथ्वी कि आकृती गोलाभीय है। तथा यह भी सिद्ध किया कि सिकन्दरिया और सीन एक ही देशातंर पर स्थित है। इनके मध्य की दुरी 5000 स्टेडिया है सीन कर्क रेखा पर जहा सूर्य कि किरणें जुन में सीधी पड़ती है इरेटोस्थनीज ने इस स्थान का चयन पृथ्वी कि परिधि मापने के लिए किया।
9.हिप्पारकस वर्णन (Hipparchus,190-125 B.C.)
हिपारकस एक महान खगोलशास्त्री था।हिपारकस ने एस्ट्रोलेब विश्व जलवायु को 11 भागों में बाटा।हिपारकस ने असीरियन अंकगणित के आधार पर वृत्त को 360° में बाटा।हिपारकस ने सर्वप्रथम 0° अक्षांश तथा 0° देशांतर रेखा को बृहद वृत्त के रुप में बताया। हिप्पारकस ने नक्षत्रों कि गणना के लिए एस्ट्रोलेब नामक यंत्र का आविष्कार किया।अक्षांश देशातंर रेखाओं के आधार पर ज्ञात विश्व का मानचित्र बनाया
10.पोसिडोनियस (Posidonius,135-50 B.C.)
पोसिडोनियस को भौतिक भूगोल का जनक कहा जाता है।पोसिडोनियस ने सर्वप्रथम ज्वार-भाटा पृथ्वी की परिधि व महासागारों की गहराई के बारे में क्रमबद्ध रुप से अध्ययन किया।
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